अयोध्या. मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर झंडा फहराने की रिहर्सल में ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि ट्रस्ट ने ध्वज फहराने के उचित प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए भारतीय सेना से सहयोग मांगा है. मिश्रा ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट की बैठक में झंडा फहराने की तकनीकी चुनौतियों पर चर्चा की गई.
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के ध्वज का वजन 11 किलो होगा, ध्वज दंड 11 फीट ऊंचा और ध्वज 22 फीट चौड़ा होगा. मिश्र ने कहा कि समारोह बिना किसी त्रुटि के संपन्न हो इसके लिए ध्वजारोहण का रिहर्सल लगातार जारी रहेगा.
मिश्रा ने कहा, ”सैन्य अधिकारियों ने झंडा फहराने की जो जानकारी दी है, उसका राम मंदिर ट्रस्ट पूरी तरह से पालन करेगा.” उन्होंने यह भी कहा, ”हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे, क्योंकि राम मंदिर का झंडा पूरी दुनिया की नजर में होगा.”
मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम में करीब आठ हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है. इस दौरान 25 नवंबर को आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार को कहा था कि मंदिर निर्माण से जुड़े सभी काम पूरे हो चुके हैं.
इससे पहले 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी. प्रधानमंत्री के 25 नवंबर को अयोध्या जाने की संभावना है, जहां ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाना है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री और अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अपने अयोध्या दौरे के दौरान राम मंदिर के मुख्य शिखर पर झंडा फहराएंगे और उसी दिन परिसर में बने अन्य मंदिरों में भी झंडा फहराएंगे.



