लखनऊ, अमृत विचार: दिवाली के त्योहार पर घर-घर में धन-समृद्धि के लिए पूजी जाने वाली लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मूर्तियां न रखें। अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उनका ठीक से निर्वहन करें।
इसके लिए नगर निगम ने गोमती नदी के किनारे कुड़ियाघाट और झूलेलाल पार्क में कई स्थानों पर गड्ढे खोदे हैं। इन गड्ढों में मूर्तियों को सम्मानपूर्वक विसर्जित करें। लोगों ने पुरानी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और विसर्जन सामग्री हटा दी है।

किसी ने इसे इधर-उधर तो किसी ने फुटपाथ पर, किसी पीपल के पेड़ के नीचे या फिर सड़क किनारे गोमती नदी के पुल पर रख दिया है। ये तरीका गलत है. आस्थावानों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

लोग टोल फ्री नंबर भी डायल नहीं कर सके
नगर निगम ने नवरात्रि और दशहरे पर पूजा विसर्जन सामग्री घर से इकट्ठा करने के लिए फोन करना शुरू कर दिया है। मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त ने इसके लिए नई गाड़ियां लॉन्च कीं।

विसर्जन के लिए विशेष तौर पर नगर निगम ने अपना टोल फ्री नंबर 1533, सफाई कंपनी रैमकी और लायन एनवायरो के जोनवार फोन नंबर जारी किये. लेकिन वार्डों में न तो सफाई कंपनियों की गाड़ियां नजर आईं और न ही कर्मचारी। आस्थावानों ने भी फोन नंबरों पर फोन कर प्रतिमा व सामग्री को निर्धारित स्थान पर विसर्जित करने की जहमत नहीं उठाई।



