AQI Delhi: दिवाली के बाद से दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है. दिवाली के बाद दूसरे दिन भी दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ज्यादा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, यह हवा की स्थिति को बेहद खराब बताता है। हवा में प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक हो जाने के बाद दिल्ली में GRAP-2 लागू किया गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है. पिछले 5 साल में हवा की हालत सबसे खराब है.
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में हवा का हाल कैसा है?
दिल्ली के कुछ प्रमुख इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर रही. आरके पुरम में AQI 380 पर है, जो बेहद खराब स्तर का संकेत है. अक्षरधाम में यह 360 है और यहां भी हवा में प्रदूषण की मात्रा बहुत खराब बताई जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुबह 7:05 बजे आंकड़े जारी किए हैं. आईटीओ में AQI 361 के स्तर पर रहा, जबकि अन्य इलाकों में भी वायु प्रदूषण की मात्रा 300 के पार रही.
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पर संकट गहराने लगता है और दिवाली ने हवा को दमघोंटू बना दिया है. इसी प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में पटाखों पर बैन की शुरुआत की गई थी. कोर्ट ने इस साल ग्रीन पटाखों पर से बैन हटा दिया था. पर्यावरणविदों का कहना है कि यह सोचना गलत है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण नहीं होता है. अभी हवा की स्थिति बेहद खराब स्तर पर है और इसके कारण बच्चों और बुजुर्गों में सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
GRAP-2 क्या है?
दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए GRAP-2 की शुरुआत की गई है. इसके तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू किया जाता है, ताकि धूल न उड़े और हवा में प्रदूषण की मात्रा कम हो. इसके साथ ही ट्रैफिक को भी नियंत्रित किया जाएगा ताकि सिग्नल पर वाहन खड़े न हों, जिससे प्रदूषण कम हो. धूल को रोकने के लिए दिन में एक बार या दो दिन में एक बार डस्ट सप्रेसेंट का उपयोग किया जाता है। सीएनजी वाहनों को प्रोत्साहन. जिसमें कई अन्य उपाय करना भी शामिल है ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके.
यह भी पढ़ें: शनिवारवाड़ा में नमाज पढ़ने वाली 3 महिलाओं ने मचाया हंगामा, कभी मराठों की शान का प्रतीक था किला