पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अब चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत मंगलवार को पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों समेत 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. बताया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी की अनुशासन समिति ने कई नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
चुनाव अवधि के दौरान, इन व्यक्तियों ने मीडिया और अन्य सार्वजनिक मंचों पर पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बयान दिए, जिससे पार्टी की छवि, प्रतिष्ठा और चुनावी प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव के अनुसार सभी संबंधित लोगों को 21 नवंबर को दोपहर 12 बजे तक अपना लिखित स्पष्टीकरण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं मिलने पर अनुशासन समिति कड़ी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी, जिसमें छह साल के लिए कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन भी शामिल होगा. प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने कहा है कि पार्टी अनुशासन और एकता सर्वोच्च प्राथमिकता है और पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा।
जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनमें पूर्व मंत्री अफाक आलम, पूर्व प्रवक्ता आनंद माधव, पूर्व विधायक छत्रपति यादव, पूर्व मंत्री वीणा शाही, पूर्व एमएलसी अजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही, सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, बांका जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कंचना कुमारी, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार बीरू, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राज कुमार राजन शामिल हैं. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छह सीटें जीतने में सफल रही थी. इस चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम को भी हार का सामना करना पड़ा.



