लखनऊ, लोकजनता: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में ब्लड कैंसर का पता लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण जांचों की सुविधा शुरू हो गई है। यह जानकारी केजीएमयू पैथोलॉजी विभाग की डॉ.रश्मि कुशवाह ने दी।
कानपुर रोड स्थित होटल में इंडियन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन (आईएसएचबीटी) के 66वें वार्षिक सम्मेलन के तीसरे दिन विशेषज्ञों ने रक्त संबंधी बीमारियों के इलाज और निदान पर चर्चा की। डॉ. कुशवाह ने बताया कि अभी तक केजीएमयू में बीसीआर-एबीएल जांच की सुविधा नहीं थी। मरीजों को निजी पैथोलॉजी में महंगी दरों पर जांच कराने को मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान फिलाडेल्फिया क्रोमोसोम से जुड़े जीन की पहचान की जाती है। जो कुछ ब्लड कैंसर में पाया जाता है। इस जीन का पता रक्त या अस्थि मज्जा परीक्षण से लगाया जाता है। बीसीआर-एबीएल परीक्षण सीएमएल का सटीक निदान कर सकता है। समय पर पहचान होने से इलाज की राह आसान हो जाती है। हेमेटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसपी वर्मा ने कहा कि कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन, इम्यूनोथेरेपी से ब्लड कैंसर का इलाज संभव हो गया है। उन्होंने कहा कि ब्लड कैंसर पीड़ितों को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है. रोगी को प्रसंस्कृत भोजन, लाल मांस, उच्च चीनी और शराब वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।



