लखनऊ, लोकजनता: यदि समाज में “रुको, रोको और टोको” अभियान को व्यापक रूप से अपनाया जाए तो तम्बाकू से होने वाले कैंसर की रोकथाम संभव है। यह संदेश शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दिया। कार्यक्रम में छात्रों को विभिन्न प्रकार के कैंसर, उनके कारण और समय पर जांच के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने कहा कि संस्थान का यह प्रयास सामाजिक जिम्मेदारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ. रूपल अग्रवाल ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की दिशा में विश्वविद्यालय की सार्थक पहल हैं।
डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. हेमंत कुमार अग्रवाल ने कहा कि न केवल सक्रिय बल्कि निष्क्रिय धूम्रपान भी कैंसर का प्रमुख कारण है, इसलिए इसे हर स्तर पर रोकने की जरूरत है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (सर्वाइकल कैंसर) डॉ. शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए नियमित जांच और टीके बहुत जरूरी हैं। उन्होंने स्तन कैंसर के बारे में यह भी बताया कि महिलाएं स्वयं प्राथमिक जांच के माध्यम से इसका जल्दी पता लगा सकती हैं, जिससे इलाज आसान हो जाता है।
दंत चिकित्सा (मुंह कैंसर) विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. शैली महाजन ने कहा कि मौखिक स्वच्छता और तंबाकू उत्पादों से दूर रहना मुंह के कैंसर को रोकने के सबसे प्रभावी तरीके हैं। त्वचा विशेषज्ञ (त्वचा कैंसर) डॉ. पूजा सिंह ने कहा कि बिना सुरक्षा के अत्यधिक धूप में रहने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कार्यक्रम के समापन सत्र में निदेशक प्रो.पुष्पेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे जन जागरूकता अभियान स्वस्थ समाज की नींव रखते हैं।



