शिक्षा: वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य, रक्षा, कृषि से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में एआई प्रभावी भूमिका निभा रहा है। AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (DOSE&L) ने भविष्य के लिए तैयार शिक्षा के एक आवश्यक पहलू के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (AI और CT) को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। विभाग, राज्यों के परामर्श से, स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ एसई) 2023 के व्यापक ढांचे के भीतर एक सार्थक और समावेशी पाठ्यक्रम डिजाइन करने में लगा हुआ है।
इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस और एनवीएस जैसे संस्थानों का भी सहयोग लिया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (एआई और सीटी) सीखने, सोचने और सिखाने के दृष्टिकोण को मजबूत करने और जनता की भलाई के लिए एआई की अवधारणा को धीरे-धीरे सशक्त बनाने के लिए काम करेंगे। यह पहल जटिल चुनौतियों को हल करने के लिए एआई के नैतिक उपयोग की दिशा में एक नया लेकिन महत्वपूर्ण कदम होगा।
विशेषज्ञ पाठ्यक्रम तैयार करेंगे
स्कूली शिक्षा में एआई को शामिल करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित हितधारकों के साथ संवाद में सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस, एनवीएस और एआई के विशेषज्ञों ने भाग लिया। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एआई और सीटी पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
संवाद कार्यक्रम में डीओएसईएल सचिव संजय कुमार ने कहा कि एआई की शिक्षा को हमारे आसपास की दुनिया से संबंधित एक बुनियादी सार्वभौमिक कौशल माना जाना चाहिए। पाठ्यक्रम व्यापक, समावेशी और एनसीएफ एसई 2023 के अनुरूप होना चाहिए। बच्चे की विशिष्ट क्षमता हमारी प्राथमिकता है।
एनईपी 2020 और एनसीएफ एसई 2023 के तहत शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 3 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग शुरू की जाएगी। इसके लिए दिसंबर 2025 तक संसाधन सामग्री, हैंडबुक और डिजिटल संसाधन विकसित किए जाएंगे।



