लखनऊ/पटना. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की हालिया लखनऊ रैली ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. यह रैली मान्यवर कांशीराम जी की पुण्य तिथि के मौके पर आयोजित की गई थी, लेकिन राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहे हैं कि इस बार बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इसे अनोखे तरीके से आयोजित किया गया था.
कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी को जिताने के लिए मायावती ने लखनऊ में रैली की थी. उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम जी की पुण्य तिथि पर उस समय ही संशय था लेकिन पहले कभी नहीं था.
डॉ. उदितराज ने कहा कि रैली का असर यह हुआ कि बिहार विधानसभा चुनाव में न सिर्फ टिकट के दाम बढ़ गये, बल्कि इंडिया एलायंस के वोट भी कट जायेंगे. “जय और वीरू की दोस्ती से कम क्या है? लोग गलत नहीं कहते कि मुंह में अंबेडकर और दिल में कमल होता है।”
इस दौरान डॉ. उदितराज ने बिहार के मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोकामा में दुलार चंद की हत्या सामाजिक न्याय बनाम मनुवाद का मामला है. पढ़े-लिखे और ईबीसी वर्ग में आने वाली धानुक जाति के पीयूष प्रियदर्शी भागीदारी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दुलार चंद यादव सामाजिक न्याय के योद्धा और राजद के समर्थक थे. वह चाहते थे कि प्रियदर्शी को राजद से टिकट मिले लेकिन उन्होंने सूरजभान को बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ाना उचित समझा. टिकट नहीं मिलने पर प्रियदर्शी जाना सूरज से लड़ रहे हैं.



