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Friday, November 21, 2025
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लाल किला ब्लास्ट: 200 से ज्यादा वीडियो…तुर्की में ISIS कमांडर से मुलाकात, इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी, जांच एजेंसियों ने किए कई खुलासे

नई दिल्ली: फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी नेटवर्क और लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. हर दिन नए और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच एजेंसियों ने संदिग्धों के मोबाइल फोन से डिलीट किए गए डेटा को सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया है.

खास बात यह है कि धमाके के मुख्य आरोपी मुजम्मिल के फोन से करीब 200 वीडियो बरामद हुए हैं, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर, उसके भाई-बहन और अन्य कमांडरों के साथ-साथ आईएसआईएस से जुड़े कई आतंकियों के भड़काऊ भाषण और भाषण शामिल हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात जो सामने आई है वो ये कि मुजम्मिल और लाल किला ब्लास्ट का कथित आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर तीन साल पहले तुर्की गया था, जहां उसकी मुलाकात सीरियाई आईएसआईएस कमांडर से हुई थी. यह मुलाकात जैश हैंडलर के निर्देश पर हुई थी और इस दौरान दोनों ने विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग ली थी.

आतंकियों के फोन से बरामद सामग्री

गिरफ्तार आतंकियों डॉ. मुजम्मिल, आदिल, शाहीन और इरफान के फोन से करीब 80 ऐसे वीडियो मिले हैं, जिनमें बम बनाने की तकनीक, आतंकी ट्रेनिंग कैंप और खतरनाक केमिकल रिएक्शन की जानकारी है. मुजम्मिल के फोन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई समेत कई राज्यों के मंदिरों, मस्जिदों और व्यस्त बाजारों की रेकी के वीडियो भी हैं.

लाल किला विस्फोट पर केजेएस ढिल्लों की चेतावनी

इस मामले पर रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि लाल किले पर हमला पुलवामा जैसा ही पैटर्न यानी टाइम बम के इस्तेमाल को दर्शाता है. ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके गहरे राज्य की शह पर हुआ है। उनका कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी डीप स्टेट की उपज है, जिसका एकमात्र उद्देश्य भारत में अस्थिरता पैदा करना है।

आतंकियों के संचार ऐप्स पर सख्ती की मांग

जनरल ढिल्लों ने सरकार को आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कुछ मैसेजिंग ऐप के बारे में भी चेतावनी दी। उनके मुताबिक, ऐसे कई ऐप्स हैं जिनकी चैट कानूनी एजेंसियां ​​इसलिए इंटरसेप्ट नहीं करतीं क्योंकि उनके मालिक डेटा या ट्रांसक्रिप्ट देने से इनकार कर देते हैं।

उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई ऐप भारत में कारोबार करना चाहता है तो उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सरकार को यह अधिकार देना होगा कि वह जब चाहे किसी भी यूजर का डेटा मांग सके। ऐसा न करने वाले ऐप्स को तुरंत बैन कर देना चाहिए, क्योंकि देश की सुरक्षा से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है.

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