अम्बाला. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी उसी एयरबेस से दूसरे विमान में उड़ान भरी. राफेल विमान में चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट’ पहना था. हेलमेट और धूप का चश्मा पहने मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।
सुबह 11.27 बजे उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाया। आज सुबह वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था.
सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान उड़ाया और ऐसा करने वाले तीसरे राष्ट्रपति बने। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायु सेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
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फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को औपचारिक रूप से सितंबर 2020 में अंबाला वायु सेना स्टेशन में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे।
राफेल विमान का इस्तेमाल पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने के लिए 7 मई को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ में किया गया था। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण सैन्य झड़पें हुईं, जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद 10 मई को समाप्त हुईं।



