तारापुर विधानसभा सीट कभी दिग्गज नेता शकुनी चौधरी का राजनीतिक गढ़ हुआ करती थी. अब उनके बेटे सम्राट चौधरी उसी सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. यह सीट न सिर्फ बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा बल्कि सम्राट के लिए विरासत की भी परीक्षा बन गई है. जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने सम्राट की शैक्षणिक योग्यता (10वीं पास) को मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन इसका असर जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है. जनसुराज ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद ने अरुण शाह को फिर से मैदान में उतारा है, जो 2020 में मामूली अंतर से हार गए थे। इसी क्षेत्र में शामिल खड़गपुर के रामभरोसे कुशवाहा कहते हैं, ‘जब से खड़गपुर विधानसभा खत्म हुई और तारापुर मुख्यालय बना, सरकारी कार्यालय वहां चले गए।’ सुखदेव अग्रवाल कहते हैं, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने सम्राट को ‘बड़ा आदमी’ यानी मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है, अगर वह जीतेंगे तो क्षेत्र का कल्याण तय है.’



