इसके बाद जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति, बलरामपुर ने विधायक को तीन बार नोटिस जारी किया। इनमें जाति प्रमाण पत्र के संबंध में मूल दस्तावेज एवं अन्य संबंधित अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया। विधायक ने इन नोटिसों का जवाब नहीं दिया और न ही संबंधित दस्तावेज समिति के समक्ष प्रस्तुत किए, जिसके परिणामस्वरूप समिति ने निष्कर्ष निकाला कि जाति प्रमाण पत्र फर्जी और जाली था।



