इस पर झा ने दलील दी कि चुनावी माहौल में राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को लेकर कई भड़काऊ बयान दिये, जो रिकॉर्ड में हैं. इस पर पीठ ने कहा, “यह सच हो सकता है, लेकिन दलीलों में ऐसी भाषा जोड़ने की जरूरत नहीं है। सिर्फ ‘नफरत फैलाने वाला भाषण’ लिखना ही काफी है।”



