मरुस्थलीय जिलों में, विशेषकर बाडमेर तथा जैसलमेर जैसे क्षेत्रों में पानी के तालाब केवल एक संरचना नहीं बल्कि जीवन का आधार माने जाते हैं। यहां लोग साल में कुछ ही दिन बारिश पर निर्भर रहते हैं। प्रत्येक गाँव में बनी ये नालियाँ ही वह माध्यम हैं जिनके माध्यम से वर्षा जल संग्रहित किया जाता है और वर्ष भर उपयोग में लाया जाता है। इस पानी का उपयोग पीने, पशुओं के उपयोग और कभी-कभी सिंचाई के लिए भी किया जाता है।