पत्र में प्रदेश अध्यक्ष के एक निजी सचिव, पीसीसी महासचिव और संगठन मंत्री के नाम का जिक्र करते हुए उन पर आर्थिक पैकेज और चार पहिया वाहन लेने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा इन तीनों को राज्य के मुखिया की आंख, कान और नाक माना गया है। खास बात यह है कि चित्तौड़गढ़ के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के नंबर से जो पत्र पार्टी के सोशल मीडिया ग्रुप पर पोस्ट किया गया, उसमें किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं. पत्र अंग्रेजी में लिखा गया है. बाद में इसे हटा दिया गया.



