उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) के नाम पर चार फर्जी नामांकन दाखिल किए गए थे, जिसके लिए पार्टी ने कोई मंजूरी नहीं दी थी। देसाई का कहना है कि उन्होंने तुरंत पीठासीन अधिकारी, तहसीलदार, जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजकर इन फर्जी फॉर्मों को रद्द करने की मांग की, लेकिन इसके बावजूद इन्हें वैध घोषित कर दिया गया.



