इस बार बिहार चुनाव में नेताओं की जुबान पर वही बातें हैं जो मतदाताओं की जुबान पर हैं. ‘जेनरेशन जेड’ ने अपने मुद्दों को राजनीतिक भाषणों में ठूंस दिया है। अब अगर कोई नेता रोजगार, पलायन, शिक्षण संस्थानों या उद्योगों की बात नहीं करेगा तो मानों वह चुनावी जंग हार गया है. अब नेता को मंच पर चढ़ते ही वही चार वादे दोहराने होंगे- पलायन रोकेंगे, रोजगार देंगे, शिक्षण संस्थान खोलेंगे और उद्योग लगाएंगे.



