नीतीश ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, रोपवे, सफारी पार्क, घोड़ा कटरा हेरिटेज कॉरिडोर, नालंदा विश्वविद्यालय और साफ-सुथरी सड़कें बनाकर नालंदा से सटे राजगीर को विकास का उज्ज्वल पक्ष दिखाया है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में तस्वीर उतनी अच्छी नहीं है. हरनौत से लेकर बिहारशरीफ और इस्लामपुर तक गांवों में खराब सड़कें, खेतों में सिंचाई की कमी, बेरोजगारी और खराब शिक्षा जैसे मुद्दे गूंज रहे हैं. नालंदा विश्वविद्यालय (प्राचीन) के पास होटल चलाने वाले रामकिशोर महतो ने कहा कि नीतीश ही यहां सब कुछ हैं. बीस साल पहले पर्यटक रात में भी नालंदा में नहीं रुकते थे. अब राजगीर और बिहारशरीफ में पर्यटकों की भीड़ रहती है. रात में चलना सुरक्षित हो गया है. बिहारशरीफ के मजदूर सूरज दास ने कहा कि अब बात काम की होनी चाहिए, नाम की नहीं. सरकार पहाड़ पर बने हमारे घरों को हटाना चाहती है. यह सरकार गरीबों और मजदूरों के साथ नहीं है.


                                    
