आखिरकार चुनाव में मुद्दे गायब हैं. हालांकि, मतदाताओं ने अंता-मांगरोल में बस स्टैंड की कमी, बारां-मांगरोल रोड, कृषि आधारित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, फसल खराब होने पर उचित मुआवजा, अस्पताल बंद होने पर मौजूदा भवन में सिटी डिस्पेंसरी खोलने, नागदा-बलदेवपुरा प्लांट से दूषित पेयजल बंद करने, बाढ़ से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार बनाने, एनटीपीसी के केंद्रीय विद्यालय को बंद करने की बजाय नई बिल्डिंग बनाने जैसे मुद्दे गिनाए। सोशल इंजीनियरिंग के आधार पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है. बागवानों के वर्चस्व वाले इस विधानसभा क्षेत्र में मीना और एससी वर्ग का भी दबदबा है. सामान्य वर्ग की संख्या भी कम नहीं है. मांगरोल और आसपास के इलाकों में भी कई अल्पसंख्यक हैं.



