नामांकन के वक्त मेघवाल ने कहा था कि वे पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए मजबूरन उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा. हालांकि, अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के सिपाही हैं और संगठन जो भी फैसला लेगा, उसे पूरी तरह स्वीकार करेंगे.
नामांकन के वक्त मेघवाल ने कहा था कि वे पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए मजबूरन उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा. हालांकि, अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के सिपाही हैं और संगठन जो भी फैसला लेगा, उसे पूरी तरह स्वीकार करेंगे.