उपचुनाव में स्थानीय उम्मीदवार, जातिगत वोट, भ्रष्टाचार, किसानों की नाराजगी, रोजगार, सड़क, स्वास्थ्य, फसल की बर्बादी जैसे मुद्दे अहम हैं. दो नए उम्मीदवार (भाजपा और निर्दलीय), राज्य में भाजपा सरकार, वसुंधरा राजे की भूमिका, माली-मीणा-एससी/एसटी-धाकड़ मतदाताओं का मूड, प्रभावशाली लोगों का रुख, चुनाव प्रबंधन और बारिश के कारण फसल नुकसान का मुआवजा जैसे कारक निर्णायक होंगे।



