पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को करारी हार का सामना करने के एक दिन बाद, पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने के फैसले की घोषणा की। एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुकी रोहिणी लंबे समय से अपने पति के साथ सिंगापुर में रह रही हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं…संजय यादव और रमीज ने मुझसे भी ऐसा करने के लिए कहा…और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।” संजय यादव राजद के राज्यसभा सदस्य हैं और तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक माने जाते हैं।
https://twitter.com/रोहिनीआचार्य2/status/1989622444865589333
उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमीज़ को तेजस्वी का पुराना दोस्त बताया जाता है। रोहिणी की पोस्ट से यह साफ नहीं हो पाया कि संजय यादव और रमीज ने उनसे क्या कहा था. इस संबंध में दोनों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी है.
कुछ साल पहले अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी दान करने के कारण चर्चा में आईं रोहिणी ने पिछले साल सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. ऐसी भी अटकलें थीं कि वह तेज प्रताप यादव के पार्टी से निष्कासन से “नाखुश” थीं, हालांकि उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव के लिए प्रचार करते देखा गया था।
इस बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की सीटें 75 से घटकर 24 हो गईं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शुक्रवार को महागठबंधन को हराकर बिहार में सत्ता बरकरार रखी। इस जीत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक पकड़ को और मजबूत कर दिया, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी राजद को बड़ा झटका लगा।
एनडीए की प्रचंड जीत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके दो प्रमुख घटक दल बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड ने अपनी-अपनी 101 सीटों पर करीब 85 फीसदी की सफलता हासिल की. 243 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन ने “200 को पार कर लिया” और तीन-चौथाई बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।



