लखनऊ, अमृत विचार: फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का नेटवर्क बिहार, झारखंड, दिल्ली और राजस्थान तक फैला हुआ है। गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों से मोबाइल और हार्ड डिस्क के जरिए एसटीएफ अन्य सदस्यों का ब्योरा जुटा रही है। सरगना हरदोई के ग्राम पंचायत अधिकारी लालबिहारी और जेल भेजे गए पिता-पुत्र समेत पांचों आरोपियों के बैंक खातों की भी जांच कर रही है। खातों में हुए लेन-देन और विभिन्न राज्यों को भेजी गई रकम का ब्योरा खंगालने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह ने बिहार, झारखंड, दिल्ली और राजस्थान में भी फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए हैं. एसटीएफ के डिप्टी एसपी सुधांशु शेखर के मुताबिक जालसाजों के बैंक खातों की जांच की जा रही है और इस संबंध में कई बैंकों को पत्र भेजा गया है. जांच में यह भी पता चला कि गिरोह अब तक करीब 1.40 लाख जन्म और 25 हजार से ज्यादा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर चुका है. मोबाइल और हार्ड डिस्क से कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर आगे की जांच चल रही है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं.
शुक्रवार को एसटीएफ ने गिरोह के सरगना लालबिहारी को दुबग्गा से गिरफ्तार कर लिया था। वह मूल रूप से कृष्णानगर, भोलाखेड़ा, सुभाषनगर के रहने वाले हैं और हरदोई के अहरौली में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात थे। उसके साथियों में गोंडा के मोतीगंज बैरिया विशुनपुर इमलिया बिटौरा निवासी रवि वर्मा, उसका भाई सोनू वर्मा, पिता वंशराज और सत्यारोहन शामिल हैं। लालबिहारी इन लोगों के माध्यम से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाता था। गिरोह प्रति प्रमाणपत्र छह सौ से एक हजार रुपये वसूलता था।
क्यूआर कोड स्कैन से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
डिप्टी एसपी के मुताबिक टीम ने जब दुबग्गा से लालबिहारी को पकड़ा तो उसकी कार से एक पैकेट बरामद हुआ। इसमें रामचन्द्र, साबिरा बानो, अमन अली, मो. सुलेमान, राम देवी और गंगा देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ही रौनक राजपूत, अजय कुमार और सौम्या द्विवेदी के जन्म प्रमाण पत्र भी मिले। इन दस्तावेजों के क्यूआर कोड को स्कैन करने पर सरकारी वेबसाइट पर कोई विवरण नहीं मिला। पूछताछ में पता चला कि गिरोह फर्जी वेबसाइट के जरिए सर्टिफिकेट तैयार करता था।
ग्राम पंचायत अधिकारी को बर्खास्त करने की तैयारी
गैंग लीडर लालबिहारी की बर्खास्तगी के लिए हरदोई जिला प्रशासन को पत्र भेजा जा रहा है। अहरौली ग्राम पंचायत में तैनाती के दौरान उसने लोगों को झांसा देकर यह फर्जीवाड़ा शुरू किया था।



