पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच परिवारवाद साफ तौर पर हावी हो गया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भीतर, सभी चार दलों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएमओ) से बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतरे, जो सीधे तौर पर किसी न किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े थे।
इनमें से 29 उम्मीदवार चुनाव जीतने में भी सफल रहे. इस चुनाव में बीजेपी ने 101 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से पार्टी को 89 सीटों पर जीत मिली. इन विजेताओं में 11 नेता राजनीतिक परिवारों से आते हैं. इनमें प्रमुख नाम सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा, श्रेयसी सिंह, नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, सुजीत कुमार, रामा निषाद, केदार नाथ सिंह, विशाल प्रशांत, राकेश रंजन और त्रिविक्रम नारायण सिंह शामिल हैं. इन सभी नेताओं के परिवार पहले से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं.
जेडीयू ने भी 101 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 85 जीते. पार्टी के 11 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी जीत ने एक बार फिर भाई-भतीजावाद का असर उजागर कर दिया है. इनमें ऋतुराज कुमार, चेतन आनंद, कोमल सिंह, शालिनी मिश्रा, मंजीत कुमार सिंह, रणधीर कुमार सिंह, महेश्वर हजारी, शुभेंदु मुकेश, विभा देवी, मनोरमा देवी और अनंत सिंह के नाम शामिल हैं.
परिवारवाद के मामले में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी सबसे आगे हैं. उनकी पार्टी को एनडीए से 6 सीटें मिलीं, जिनमें से 5 सीटों पर उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिया. चुनाव में उनकी बहू दीपा कुमारी, समधन ज्योति देवी और दामाद प्रफुल्ल मांझी चुनाव जीतकर विधायक बने. पार्टी के 80 फीसदी विजयी विधायकों का मांझी परिवार से सीधा संबंध है. एनडीए ने आरएलएमओ को 6 सीटें दी थीं.
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और रालमो प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को सासाराम से उम्मीदवार बनाया और जीत हासिल की. पूर्व मंत्री संतोष सिंह के भाई आलोक कुमार सिंह को दिनारा से टिकट दिया गया और वे विजयी भी हुए. इस तरह आरएलएमओ के चार में से दो विधायक पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं.
दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 25 विजयी उम्मीदवारों में से 5 नेता ऐसे हैं जो पार्टी के बड़े पदाधिकारियों या पुराने राजद नेताओं के रिश्तेदार हैं। इनमें तेजस्वी प्रसाद यादव, ओसामा शहाबुद्दीन (पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेटे), करिश्मा राय (पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती), राहुल कुमार (पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा के बेटे) और कुमार सर्वजीत (पूर्व सांसद राजेश कुमार के बेटे) शामिल हैं.



