पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी को सिर्फ 3.30 फीसदी वोट मिलना इस बात का संकेत है कि ‘हमारी तरफ से कुछ कमियां थीं’, लेकिन उन्हें इस बात का गर्व भी है कि उन्होंने ‘धर्म-जाति की राजनीति से दूर रहकर’ चुनाव लड़ा. किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “साढ़े तीन साल पहले हम सिस्टम बदलने का संकल्प लेकर निकले थे. जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाने के लिए माफी चाहता हूं. जिन विचारों और सपनों के आधार पर लोग हमसे जुड़े, मैं उनके मुताबिक सिस्टम नहीं बना सका. यह मेरी जिम्मेदारी है.”
उन्होंने कहा, ”ईमानदारी से प्रयास किए गए, लेकिन नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। मैं इसकी 100 प्रतिशत जिम्मेदारी लेता हूं।” उन्होंने घोषणा की कि वह दो दिन बाद गांधी आश्रम में 24 घंटे का उपवास करेंगे। किशोर ने कहा, ”यह प्रायश्चित का उपवास होगा।” जन सुराज के सभी साथियों को यह समझना चाहिए कि हमारे प्रयास पर्याप्त नहीं हैं और वे जहां भी हों, सामूहिक उपवास कर सकते हैं।”
किशोर ने दावा किया कि इस चुनाव में बिहार की राजनीति “स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार” ऐसे निर्णायक मोड़ पर पहुंची, जहां “चुनाव के दौरान लगभग 40,000 करोड़ रुपये की योजनाएं जनता के लिए उपलब्ध कराई गईं।” उन्होंने आरोप लगाया, “साफ दिख रहा है कि करीब 29,000 करोड़ रुपये बांटे गए. चाहे जीविका समूह की महिलाएं हों, आशा-आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाएं हों या प्रवासी मजदूर हों – सभी को चुनाव के समय सीधे पैसा दिया गया. यह सरकारी योजना कम और वोट खरीदने का तरीका ज्यादा लगता है.”
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रत्येक लाभार्थी से कहा कि “10,000 रुपये पहली किस्त है और अगले छह महीनों में स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।” जन सुराज नेता ने दावा किया कि अगर नीतीश सरकार ने महिलाओं को 10,000 रुपये नहीं दिए होते तो जदयू 25 से अधिक सीटें नहीं जीत पाती. प्रशांत किशोर ने मांग की, “अब सरकार बन गई है तो इसे लागू करना चाहिए. 1.5 करोड़ परिवारों में एक भी परिवार ऐसा नहीं होना चाहिए जिसे वादे के मुताबिक 2 लाख रुपये न मिले. अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह साबित हो जाएगा कि पैसा सिर्फ वोट खरीदने के लिए दिया गया था.”
उन्होंने लोगों से कहा कि अगर छह माह बाद भी पैसा नहीं मिले तो जन सुराज से संपर्क करें. “हम आपकी आवाज़ बनेंगे और ब्लॉक, पंचायत, जिला और सरकारी कार्यालयों में यह लड़ाई लड़ेंगे।” किशोर ने यह भी कहा कि अगर नीतीश सरकार चुनाव पूर्व वादे के मुताबिक सभी 1.5 करोड़ लोगों को 2-2 लाख रुपये दे दे तो मैं निश्चित रूप से राजनीति छोड़ दूंगा.
नई सरकार में साफ-सुथरी और बेदाग कैबिनेट बनाने की अपील करते हुए किशोर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि बिहार को एक स्थिर और मजबूत सरकार की जरूरत है. मेरी अपेक्षा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व और नीतीश कुमार मिलकर एक ऐसा कैबिनेट बनाएं जिसमें कोई भी दागी या भ्रष्टाचार का आरोपी न हो.” उन्होंने कहा कि पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “जनता मालिक है, उसने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मौका दिया है। अब बिहार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनकी है।” किशोर ने कहा कि कुछ लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने साफ कहा, “पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. हम तब तक लड़ाई जारी रखेंगे जब तक हम बिहार को सुधारने का अपना संकल्प पूरा नहीं कर लेते.”
हम हार से पीछे हटने वाले नहीं हैं. हार तभी होती है जब आप हार मान लेते हैं।” किशोर ने यह भी कहा कि वह अदालत और सार्वजनिक मंच पर “गलत काम करने वाले मंत्रियों” के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे। उन्होंने अपना संपर्क नंबर जारी करते हुए कहा कि जिन लाभार्थियों को वादे के मुताबिक पैसा नहीं मिलता है वे जन सुराज से जुड़ जाएं, जन सुराज उनकी लड़ाई लड़ेगा. किशोर ने कहा, ”अब सलाह का समय खत्म हो गया है, संघर्ष का समय शुरू हो गया है।”



