नई दिल्ली/फरीदाबाद: मंगलवार सुबह करीब 5 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की. ईडी की टीमें दिल्ली के ओखला स्थित यूनिवर्सिटी के मुख्य कार्यालय समेत फरीदाबाद और एनसीआर के कई ठिकानों पर एक साथ पहुंचीं। विश्वविद्यालय के ट्रस्टियों, इससे जुड़े लोगों और संबंधित संस्थानों के परिसरों में दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के तहत की जा रही है और इसका आधार एनआईए और दिल्ली पुलिस की पुरानी एफआईआर हैं। विश्वविद्यालय पर विदेशी फंडिंग में अनियमितता, संदिग्ध लेनदेन और कुछ गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़े होने के गंभीर आरोप हैं। इससे पहले भी इस यूनिवर्सिटी का नाम लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले के आरोपियों से जुड़ चुका है.
अल फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा की गई थी और यह फ़रीदाबाद में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय है। ईडी की टीम अभी भी कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है और बड़े खुलासे की संभावना जताई जा रही है.
अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर के भाई पर धोखाधड़ी का आरोप
अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जावेद अहमद सिद्दीकी के 50 वर्षीय छोटे भाई हामूद अहमद सिद्दीकी को मध्य प्रदेश पुलिस ने रविवार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया। हमूद पर कई साल पुराने धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। सूत्रों के मुताबिक उसने महू कस्बे में निवेश का लालच देकर लोगों से करीब 40 लाख रुपये ऐंठे थे, जिसमें 20 फीसदी ब्याज देने का वादा किया गया था. जानकारी के मुताबिक, हामूद ने दो साल तक कंपनी का झांसा दिया, लेकिन तीसरे साल वह अपने पूरे परिवार के साथ गायब हो गया. इस धोखाधड़ी से जुड़े तीन पुराने मामलों में हमूद पर 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. पुलिस अब इस गिरफ्तारी को ईडी की चल रही जांच से जोड़कर गहन पूछताछ कर रही है, जिसमें नए खुलासे होने की उम्मीद है.



