प्रदूषण: दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले एक सप्ताह से गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में रहा और यह 355 रहा. प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 1 नवंबर से दिल्ली में बीएस-3 वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.
दिल्ली सरकार ने यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के फैसले के मद्देनजर उठाया है. आयोग का कहना है कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और नगर निगम के दफ्तरों के कामकाज के समय में बदलाव किया गया है.
दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है. फिलहाल दिल्ली सरकार के दफ्तर का काम सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक और नगर निगम दफ्तर का काम सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक होगा. सरकारी कामकाज में आधे घंटे का अंतर होने से दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में काफी कमी देखी जा सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी दफ्तरों के कामकाज में देरी के कारण दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या में काफी कमी आ सकती है.
प्रदूषण से निपटने के लिए लोगों से सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की
मुख्यमंत्री ने आम लोगों से प्रदूषण कम करने के लिए कार पूलिंग और निजी संस्थानों से घर से काम करने के विकल्प पर विचार करने की अपील की और जितना संभव हो सके सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को अपनाने को कहा. नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने पार्किंग शुल्क दोगुना करने का फैसला किया है। यह फैसला ग्रेप 2 लागू रहने तक जारी रहेगा.
प्रदूषण को देखते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली में सरकारी कर्मचारियों के ऑफिस टाइम में भी बदलाव किया था. दिल्ली सरकार ने कहा था कि सड़क पर वाहनों की भीड़ कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है. हालांकि, दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बढ़ोतरी मासिक किराया धारकों और सड़क किनारे पार्किंग पर लागू नहीं होगी। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है.



