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Thursday, November 13, 2025
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जनजातीय गौरव: भगवान बिरसा मुंडा को औपनिवेशिक शासन के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है।


जनजातीय गौरव: भगवान बिरसा मुंडा को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और औपनिवेशिक शासन के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के उत्थान और स्वराज की भावना को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया। जनजातीय गौरव पखवाड़ा समारोह के हिस्से के रूप में, केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को रेल भवन में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

1 से 15 नवंबर तक पूरे देश में मनाया जाने वाला ‘जनजातीय गौरव पखवाड़ा’ भारत के महान आदिवासी नायकों की वीरता, बलिदान और योगदान को समर्पित है। यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर मनाये जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष का हिस्सा है. इसका उद्देश्य बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणादायक विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।

प्रधानमंत्री ने साल 2021 में इसकी घोषणा की थी

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनजातीय समाज की संस्कृति, परंपरा और बलिदान को राष्ट्रीय चेतना में स्थान देने के लिए हर साल 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की है.

‘जनजातीय गौरव दिवस’ देश के जनजातीय नायकों की वीरता, बलिदान और योगदान का सम्मान करने के लिए भारत सरकार द्वारा मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय दिवस है। यह हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में की थी, जिसका उद्देश्य देश के आदिवासी समाज के योगदान को राष्ट्रीय पहचान दिलाना है और साथ ही युवा पीढ़ी को आदिवासी नायकों की देशभक्ति और स्वाभिमान की भावना से प्रेरित करना है।



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