लखनऊ. उत्तराखंड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘उत्तराखंड सांस्कृतिक महाकुंभ समारोह’ में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअली प्रतिभाग किया और इस अवसर पर उन्हें ‘मां नंदा देवी शिक्षा वीर सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
आनंदीबेन पटेल ने उत्तराखंड की जनता को रजत जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीर भूमि और ज्ञान भूमि भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य ने कृषि, पर्यटन, ग्रामीण उद्यम, बागवानी और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि ‘गंगोत्री से गंगासागर तक’ की प्रतीकात्मक प्रस्तुति के रूप में उत्तर प्रदेश के राजभवन में चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की भावना का प्रतीक एक आस्था केंद्र स्थापित किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा सिर्फ रोजगार का माध्यम नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि राजभवन विद्यालय के बच्चों ने ‘स्मार्ट कार’, ‘सर्विंग रोबोट’ जैसे आविष्कार कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने मां को जीवन की पहली शिक्षिका बताते हुए कहा कि मां की गोद ही पहली पाठशाला होती है। ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि यह गीत सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की धड़कन है, जिसने आजादी के आंदोलन को दिशा दी.
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे समय, समझ और ऊर्जा का सदुपयोग करें और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दें। कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरेशी, पूर्व सांसद तरूण विजय, मेजर जनरल मोहन लाल असवाल, कर्नल अजय कोठियाल समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।



