गुमला. फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ काॅमर्स के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने चार जिलों गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा व खूंटी जिले की समस्याओं से अध्यक्ष को अवगत कराते हुए उन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार से बात करने की मांग की है. श्री कुमार ने कहा है कि इन चार जिलों के बने लगभग 30 से 40 वर्ष हो चुके हैं. परंतु नगरों का समुचित विकास आज तक नहीं हो पाया है. गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा व खूंटी नगर में मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिसका समाधान जरूरी है. इन जिलों में आज तक यातायात थाना नहीं है, जिससे नगर में यातायात नियमों का उल्लंघन आम बात है. गुमला नगर में 22 वर्ष से बन रही बाइपास सड़क आज भी अधूरा है, जिससे भारी गाड़ियां शहर में प्रवेश करती हैं. इससे दुर्घटना होती है, जबकि लोहरदगा, सिमडेगा व खूंटी में बाइपास सड़क है ही नहीं, जिससे जाम की समस्या आम है. इन जिलों की मुख्य सड़कों की हालत खराब है. बिजली के तार आज भी लटकते रहते हैं. तारों का जाल हर सड़क, चौक-चौराहों पर दिखने को मिलेगी, जिसमें सुधार की आवश्यकता है. गुमला शहर के विकास का कोई रोडमैप नहीं है या है भी तो इसका पालन किसी भी कार्य में नहीं होता है. सड़क बनाने के लिए नाली तोड़ दी जाती है, तो नाली बनाने के लिए सड़क को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो कभी इन सब में पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है. कोई भी कार्य प्लान से नहीं होता है. नगर के कई मोहल्ले में नाली व सड़क होने के बावजूद सड़कों में पानी भरा रहना आम बात है, जो कार्य के प्लान से नहीं कराने को दर्शाता है. महिलाओं के लिए गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा व खूंटी नगर में शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था नहीं है. शहर में बस स्टैंड, टेंपो स्टैंड आदि की अच्छी व्यवस्था नहीं है. लोहरदगा में स्थायी बस स्टैंड, टेंपो स्टैंड है ही नहीं. सिमडेगा में बीच शहर में छोटा सा बस स्टैंड है, जिसकी स्थिति ठीक नहीं है. खूंटी में बस पड़ाव बनाया गया है, पर उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है. कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था भी सही नहीं है. सौंदर्यीकरण की दिशा में ठोस प्रयास की जरूरत है. चारों ओर स्थायी जांच चौकी की आवश्यकता है, ताकि किसी गंभीर स्थिति में नियंत्रण किया जा सके.
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