Southwest Monsoon: मौसम विभाग ने बताया, इसी समय पूर्वोत्तर मानसून तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल-माहे में दस्तक दे चुका है.
24 मई को केरल पहुंचा था मानसून
इस साल मानसून 24 मई को केरल पहुंचा था जो 2009 के बाद से सबसे जल्दी आगमन था. यह 2009 में 23 मई को भारत पहुंचा था. मानसून ने आठ जुलाई की सामान्य तिथि से नौ दिन पहले पूरे देश को कवर कर लिया. मानसून पूरे भारत में 2020 के बाद सबसे जल्दी पहुंचा है. मानसून ने 2020 में 26 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया था. मानसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से चला जाता है.
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 1901 के बाद दूसरी बार सबसे कम हुई बारिश
आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘इस मानसून में पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश 1901 के बाद से दूसरी बार सबसे कम रही. इस क्षेत्र में मानसून के दौरान सबसे कम बारिश (1065.7 मिलीमीटर) 2013 में दर्ज की गई थी. अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में वर्षा में कमी आई है.”
पश्चिमोत्तर भारत में सामान से 27.3 प्रतिशत अधिक बारिश
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमोत्तर भारत में 747.9 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य बारिश से 27.3 प्रतिशत अधिक है. महापात्र ने कहा कि यह 2001 के बाद से सबसे अधिक और 1901 के बाद से छठी सबसे अधिक बारिश है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के सभी जिलों में जून, अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई.
पंजाब में सबसे भीषण बाढ़
पंजाब में दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आई तथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की खबरें आईं, जिससे बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और लोग विस्थापित हुए. मध्य भारत में 1125.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जो सामान्य बारिश से 15.1 प्रतिशत अधिक है जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप में 9.9 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई.



