Firecrackers Ban In Delhi: दीवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा प्रेमियों के लिए राहत भरा फैसला दिया है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा कि यह निर्णय संतुलित दृष्टिकोण के साथ लिया गया है, जिससे उत्सव की भावना और पर्यावरण दोनों की रक्षा हो सके।
9 केवल लाइसेंसधारी विक्रेता ही बेच सकेंगे पटाखे
कोर्ट ने साफ कहा है कि केवल वे उत्पादक और विक्रेता जिनके पास NEERI (नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) और PESO (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन) का लाइसेंस है, वही ग्रीन पटाखे बेच सकेंगे। कोर्ट ने अवैध पटाखों की बिक्री रोकने के लिए सख्त निगरानी का आदेश दिया है।
पटाखे जलाने का समय तय
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दीवाली से एक दिन पहले और दीवाली के दिन सुबह 6 से 7 बजे तक और शाम 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को आदेश दिया कि तय समय के बाहर पटाखे जलाने पर कार्रवाई की जाए।
प्रदूषण को लेकर क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर रोक से दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में कोई खास सुधार नहीं हुआ। पराली जलाने, वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन से प्रदूषण का बड़ा हिस्सा आता है। ऐसे में केवल पटाखों को दोष देना सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि त्योहारों में संतुलन बनाना जरूरी है।
निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीम तैनात
कोर्ट ने आदेश दिया कि ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की निगरानी के लिए विशेष पेट्रोलिंग टीमें बनाई जाएं। इन टीमों को पटाखों के सैंपल की जांच और गलत बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।



