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Tuesday, November 11, 2025
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दीपावली के दिन की जाएगी चोपड़ा पूजा, जानें व्यापारी वर्ग में चर्चित है ये त्योहार


Chopra Puja 2025: दीपावली सिर्फ दीयों और रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह नए आरंभ, शुभ सोच और खुशहाली का प्रतीक है. इस दिन हम अंधकार पर प्रकाश की जीत का उत्सव मनाते हैं और अपने जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का संकल्प लेते हैं.

क्या है चोपड़ा पूजा?

दीपावली के पावन अवसर पर एक खास पूजा की जाती है जिसे चोपड़ा पूजा कहा जाता है. खासकर गुजरात और राजस्थान में ये काफी चर्चित है. “चोपड़ा” का मतलब होता है बही-खाता या लेखा-पुस्तक. इस दिन व्यापारी और व्यवसाय से जुड़े लोग अपनी नई बही या डायरी की पूजा करते हैं. मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना के बाद बही पर “श्री गणेशाय नमः” या “श्री लक्ष्मी नमः” लिखना शुभ माना जाता है. यह नए साल की अच्छी शुरुआत का प्रतीक होता है.

2025 में कब की जाएगी चोपड़ा पूजा?

  • इस साल दीपावली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी. इसी दिन चोपड़ा पूजा भी होगी.
  • प्रदोष काल (जो सबसे शुभ समय माना जाता है): शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक
  • लाभ और अमृत चौघड़िया: दोपहर 3:44 से शाम 5:46 बजे तक
  • चर चौघड़िया: शाम 5:46 से 7:21 बजे तक
  • इस समय में पूजा करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है.

क्यों की जाती है चोपड़ा पूजा?

चोपड़ा पूजा का उद्देश्य केवल व्यापारिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक भी है. पुराने खातों को समाप्त कर नए साल के लेन-देन की शुरुआत ईमानदारी और सकारात्मक सोच के साथ करने की परंपरा है. यह पूजा हमें सिखाती है कि नया साल अच्छे कर्म, सच्चाई और साफ नीयत से शुरू करना चाहिए.

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चोपड़ा पूजा का महत्व

सनातन परंपरा में चोपड़ा पूजा को समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना गया है. यह केवल धन प्राप्ति की कामना नहीं बल्कि विवेक, आत्मविश्वास और ईमानदारी के आशीर्वाद की प्रार्थना भी है. ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा से घर और व्यापार दोनों में स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है.

चोपड़ा पूजन की विधि क्या है?

चोपड़ा पूजन में पहले मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करें, फिर नए बही-खाते या डायरी पर फूल, दीपक और भोग अर्पित करें.

चोपड़ा पूजन कितने बजे है?

चोपड़ा पूजन का शुभ समय आमतौर पर शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक रहता है.

चोपड़ा पूजा के अंत में कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

पूजन के अंत में “ॐ गणेशाय नमः” या “ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करना शुभ माना जाता है.

छोटी दीपावली कब है?

छोटी दीपावली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, आमतौर पर दीवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है.

दीपावली पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

दीपावली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा करनी चाहिए.



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