लोहरदगा़ दो दिवसीय क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव का समापन हर्षोल्लास से हुआ. विद्या भारती उत्तर-पूर्व बिहार एवं झारखंड क्षेत्र के विद्यालयों के भैया-बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. शिशु वर्ग से लेकर तरुण वर्ग तक कथा-कथन, आशु भाषण, हस्तकला एवं मूर्तिकला जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती, ऊं और भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन के साथ हुई. मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव, प्रदेश सचिव नकुल शर्मा, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, विभाग प्रचारक शम्मी कुमार, कार्यक्रम संयोजक शशिधर लाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष विनोद राय, सचिव अजय प्रसाद एवं राजी पड़हा के बेल लक्ष्मी नारायण भगत, क्षेत्रीय संयोजक विवेक नयन पांडे, प्रधानाचार्य बिपिन कुमार दास, सुंदरी देवी शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र पाण्डेय समेत कई गणमान्य उपस्थित थे. प्रदेश सचिव नकुल शर्मा ने कहा कि हमें मधुर और विनम्र भाषा का प्रयोग करना चाहिए ताकि मन का अहंकार दूर हो सके. स्वामी विवेकानंद के विचारों को रखते हुए उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण के लिए आत्मविश्वास, आत्मज्ञान, आत्मसंयम और त्याग आवश्यक हैं. वहीं, अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव ने संस्कृति बोध परियोजना के चार प्रमुख आयाम ज्ञान परीक्षा, प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन और चित्र साहित्य प्रकाशन पर जानकारी दी. महोत्सव में कुल 154 विद्यार्थी और उनके आचार्य उपस्थित थे. प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त विद्यालयों को पुरस्कार दिये गए. ओवरऑल प्रांत में प्रथम लोक शिक्षा समिति बिहार, द्वितीय विद्या विकास समिति झारखंड और तृतीय भारती शिक्षा समिति बिहार रही. विजेता टीमें चार से सात सात नवंबर तक सीतामढ़ी में होने वाली अखिल भारतीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी. अतिथियों ने विद्यार्थियों की सृजनात्मकता और अनुशासन की सराहना की. वंदे मातरम् के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.
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