Asia Cup: एशिया कप 2025 को खत्म हुए 18 दिन हो गए हैं, लेकिन यह टूर्नामेंट उन लोगों के जेहन में अभी भी ताजा है जिन्होंने इसे देखा, यहां तक कि उन लोगों को भी याद होगा जिन्होंने इसे नहीं देखा. एशिया कप मैदान के बाहर के खेल के लिए ज्यादा चर्चा में रहा जहां भारत और पाकिस्तान के बीच की दुश्मनी खुलकर सामने आई. अभिषेक शर्मा के शानदार प्रदर्शन और भारत द्वारा रिकॉर्ड नौवीं बार ट्रॉफी जीतने के अलावा, यह टूर्नामेंट भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के लिए ज्यादा चर्चा में रहा. इसके असर से एशियन क्रिकेट काउंसिल और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी भी नहीं बच सके. भारत की जीती हुई ट्रॉफी लेकर भागने की वजह से नकवी की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. agar yah 10 sal pahale vaala suryakumar hota to open challenge to Pakistan over Asia Cup controversy
भारतीय खिलाड़ियों ने नहीं मिलाया पाकिस्तानियों से हाथ
यह सब तब शुरू हुआ जब भारतीय टीम के सदस्यों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. हालांकि, टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ऐसा नहीं था, क्योंकि सभी आठ टीमों के कप्तानों ने सभी कप्तानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक-दूसरे से दुआ-सलाम की थी. हालांकि, हालात तब और बिगड़ गए जब भारतीय खिलाड़ियों ने लीग चरण में पाकिस्तान को हराने के बाद हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने बाद में अपने पास आए पाकिस्तानी खिलाड़ियों से बात भी करने से इनकार कर दिया और उनके मुंह पर ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद कर दिया.
पूरे टूर्नामेंट में दिख सूर्या का शांत स्वभाव
पूरे टूर्नामेंट के दौरान, भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने शांत स्वभाव बनाए रखा और किसी भी स्थिति गुस्सा जाहिर करते हुए नहीं दिखे. हालांकि, सूर्यकुमार के मुंबई टीम के साथी शशांक सिंह के अनुसार, अगर यह 2015 में हुआ होता, तो शायद हालात बिल्कुल अलग होते. शशांक का मानना है कि सूर्यकुमार ने पिछले कुछ वर्षों में अपने गुस्से पर काबू रखना सीख लिया है. उनके अनुसार, एक दशक पहले, पुराना सूर्या तो मानो कहर ढा देता. शशांक ने द लल्लनटॉप पर कहा, ‘सूर्या अब गुस्सा नहीं करते, लेकिन सालों पहले उनका गुस्सा बहुत ज्यादा था. अब वह काफी शांत हो गए हैं. मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी, जहां पाकिस्तान के एक रिपोर्टर ने उनसे एक सवाल पूछा और उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. अगर ये 10 साल पहले वाला सूर्या होता, तो उसके बाद क्या-क्या चीजें होतीं, मुझे मालूम है. पहले उन्हें बहुत जल्दी और आसानी से गुस्सा आ जाता था.’
सूर्यकुमार यादव की प्रतिक्रिया में नहीं दिखा गुस्सा
भारत द्वारा पाकिस्तान को 25 गेंद शेष रहते सात विकेट से हराने के बाद, रिपोर्टर ने सूर्यकुमार से ‘खेल भावना’ के बारे में पूछा, इस पर, सूर्या का जवाब सीधा था, ‘कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर होती हैं.’ इस साल पहलगाम आतंकी हमलों के बाद दोनों टीमों और देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स में भारत बनाम पाकिस्तान के दो मैच रद्द भी कर दिए गए, लेकिन भारत सरकार की अनुमति के बाद एशिया कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान का सामना किया और उन्हें 3 बार बुरी तरह हराया. इस पूरे टूर्नामेंट में सूर्या कभी भी चिड़चिड़े नहीं दिखे. अगर उनमें सचमुच एक उग्र स्वभाव होता, तो भारतीय टीम एशिया कप ट्रॉफी नहीं दिए जाने के बाद आसानी से हंगामा खड़ा कर सकती थी और नकवी फाइनल की रात ट्रॉफी लेकर भाग नहीं पाते.
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