अरुण कुमार यादव/न्यूज़11भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा जिले के सदर प्रखंड गढ़वा के कोरवाडीह पंचायत में सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना आंगनबाडी केंद्र का बिना भवन बनाये ही राशि निकाल लिये जाने तथा नये आंगनबाडी भवन को अधूरा एवं अनियमित बनाये जाने को लेकर गांव के ग्रामीणों ने गढ़वा उपायुक्त दिनेश कुमार यादव को आवेदन दिया है. आवेदन में ग्रामीणों ने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा लगभग छह लाख रुपये की लागत से बनायी जा रही मनरेगा योजना से बिना आंगनबाडी केंद्र का भवन बनाये ही पैसे की निकासी कर ली गयी और कागज पर इसे पूर्ण दिखा दिया गया. ऐसे में ग्रामीणों का बड़ा आरोप यह है कि कोरवाडीह पंचायत में 4 आंगनबाडी केंद्र बनाने का आदेश दिया गया था, जिसमें पोसाक क्षेत्र 1 का आंगनबाडी भवन निजी भवन में चलाया जा रहा है. जबकि कागज पर POSAK एरिया 1 की बिल्डिंग पूरी दिखती है.
इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों को आश्चर्य है कि पोसाक एरिया 1 का आंगनबाडी केंद्र भवन कहां चला गया. जबकि 4 नये आंगनबाडी केन्द्रों में से लगमा में एक केन्द्र पूर्ण रूप से पूर्ण होकर संचालित हो रहा है तो फिर 3 केन्द्रों को अब तक पूर्ण कर सेविका को क्यों नहीं सौंपा गया है। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना स्वाभाविक है. अधूरा आंगनबाडी भवन बकरी और भूसा रखने के काम आ रहा है और झाड़ी में तब्दील हो गया है। क्या सरकार के पैसे का इसी तरह दुरुपयोग होता रहेगा? वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पोसाक क्षेत्र से 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी इलाके में बने अधूरे आंगनबाडी केंद्र 3 में क्या छोटे बच्चों का आना जाना संभव है. राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार मासूम बच्चों के भविष्य को लेकर लगातार चिंतित रहती है लेकिन वह सोच गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है, वहीं कोरवाडीह पंचायत के मुखिया मोहम्मद शरीफ अंसारी का कहना है कि वह जल्द ही तीनों अधूरे आंगनबाडी केंद्रों को पूरा कर चालू कराने की पहल करेंगे.
यह भी पढ़ें: मानुषमुड़िया छठ घाट तक जाने वाली सड़क की सफाई नहीं होने से गंदगी का अंबार लगा हुआ है.