अयोध्या, अमृत विचार: हिंदू धर्म में भैया दूज का त्योहार भाई-बहन के लिए मनाया जाता है। इसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए सुबह से निराजल व्रत रखती है, जो पूजा के शुभ समय पर विधि-विधान से पूजा करके व्रत पूरा करती है। भाई-बहन के अटूट प्यार का त्योहार भैया दूज आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस यम को द्वितीया भी कहा जाता है क्योंकि यह त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ा है, जहां बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं।
पूजा का शुभ समय
ज्योतिषाचार्य आचार्य करुणा निधान के अनुसार, दूज 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे से शुरू होगी और 23 अक्टूबर को रात 10:46 बजे समाप्त होगी। भाई दूज की पूजा का शुभ समय 23 अक्टूबर को सुबह 5:05 बजे से 8:55 बजे तक है।
ऐसे करें भाई दूज पूजा
इस दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके गाय के गोबर या मिट्टी से बनी दूज की पूजा करें, जिसमें भगवान गणेश और यम की पूजा भी शामिल है। पूजा के बाद अपने भाई को लकड़ी के पाटे पर बिठाएं और हल्दी, चावल और रोली से तिलक लगाएं। इसके अलावा हाथ में कलावा बांधें और मिठाई खिलाएं और अपने भाई-बहनों का आशीर्वाद लें।
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