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Wednesday, October 22, 2025
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पलामू एसपी ने आम और खास के बीच पुल का काम किया है- अविनाश वर्मा


संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11भारत

पलामू/डेस्क: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अविनाश कुमार वर्मा पिछले कई दिनों से मीडिया के माध्यम से पलामू पुलिस अधीक्षक श्रीमती रिश्मा रामसेन पर लगातार आरोप लगा रहे हैं, जो बेहद हास्यास्पद और निंदनीय है.

अविनाश वर्मा ने बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस के पूर्व मंत्री अपने निजी कारणों को पार्टी का मुद्दा बनाकर जिला कांग्रेस को गुमराह कर रहे हैं, जो सत्ताधारी दल के नाम पर गठबंधन के लिए शर्मनाक है.

अविनाश वर्मा ने कहा कि आज यह पलामू सहित पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि देश के सर्वोच्च पद पर एक महिला के साथ-साथ पलामू जिले में भी उपायुक्त, आरक्षी अधीक्षक, अध्यक्ष जिला परिषद, एसडीएम, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सहित सभी महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं मौजूद हैं. जबकि पूर्व मेयर और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी ने ही आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला नेत्री को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी है, ऐसे में महिला पक्ष की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री का महिला आरक्षी अधीक्षक पर अनावश्यक और अनावश्यक बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है.

वर्मा ने कहा कि पलामू जिले में पहली बार किसी महिला को आरक्षी अधीक्षक के पद पर किसी सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है और अपनी ईमानदारी और मेहनत के बल पर पलामू एसपी ने खुद को साबित करने का काम किया है, जिसका एक बड़ा उदाहरण यह है कि उन्हें पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए झारखंड के महामहिम राज्यपाल ने सम्मानित किया था, जो पलामू जिले के किसी भी आरक्षी अधीक्षक के लिए पहला अवसर है, साथ ही परंपराओं को भी निभाने का मौका है. जिले सहित क्षेत्र. हमने नियमों का पालन करते हुए पहली बार होली और दिवाली के साथ-साथ महान छठ पूजा का आयोजन कर आम और खास के बीच सेतु बनाने का काम किया है, जो बेहद सराहनीय और अनुकरणीय है.

उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को सुझाव देते हुए कहा कि अगर कोई चूक या शिकायत है तो उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर समस्याओं का समाधान कर जिले की बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

अविनाश वर्मा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जिन लोगों को सत्ता में होने और बड़े नेताओं का घमंड है, वे मनमर्जी से अधिकारियों का ट्रांसफर कर देते हैं और बयानबाजी करने के बजाय ट्रांसफर पोस्टिंग के महीने का इंतजार करते हैं, जो शायद दिसंबर का महीना होता है.

अविनाश वर्मा ने कहा कि मैं मानता हूं कि जिले में आपराधिक घटनाएं हो रही हैं और मैं इसकी कड़ी निंदा भी करता हूं, लेकिन यह स्थिति सिर्फ पलामू की नहीं बल्कि पूरे झारखंड की है, जबकि झारखंड की राजधानी रांची अपराध के मामले में नये मानक स्थापित कर रही है, तो क्या झारखंड में कांग्रेस पार्टी इसके लिए भी पलामू एसपी को जिम्मेदार मानती है?

यह भी पढ़ें: चंदनकियारी बीडीओ ने विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.

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