गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा. झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना’ में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है.
गढ़वा जिला गव्य विकास पदाधिकारी गिरीश कुमार ने जिले के अनंतिम रूप से सूचीबद्ध पशु आपूर्तिकर्ता उपेन्द्र यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। यादव पर योजना के तहत 29,07,625/- (उन्नीस लाख सात हजार छह सौ पच्चीस रुपये) अधिक राशि प्राप्त करने का गंभीर आरोप है.
क्या है पूरा मामला? , जिला ग्रामीण विकास पदाधिकारी द्वारा गढ़वा थाने में दिये गये आवेदन के अनुसार यह मामला वित्तीय वर्ष 2020-21 का है. औपबंधिक रूप से सूचीबद्ध पशु आपूर्तिकर्ता उपेन्द्र यादव, पिता स्वर्गीय शोभी यादव, ग्राम पोस्ट-मडवनिया, थाना-रमना, जिला गढ़वा, (पिन- 822128) पर गढ़वा जिले में वितरित 187 दुधारू पशुओं के वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितता करने का आरोप है।
जांच में सामने आईं अनियमितताएं: पत्रांक के आलोक में की गई जांच 907, दिनांक: 08.10.2025 निदेशक, ग्रामीण विकास निदेशालय, झारखंड, रांची ने निम्नलिखित गंभीर धोखाधड़ी का खुलासा किया है:
दुधारू पशुओं की कीमत में धांधली: दुधारू पशुओं की वास्तविक कीमत कम आंकने के बाद भी उपेन्द्र यादव ने सरकार से पूरा भुगतान ले लिया. इस मद में उन्हें 25,45,607/- (पच्चीस लाख पैंतालीस हजार छह सौ सात रुपये) की अधिक राशि प्राप्त हुई।
बीमा प्रीमियम घोटाला: तत्कालीन जिला गव्य विकास पदाधिकारी के सहयोग से दुधारू पशुओं का बीमा जल्दबाजी में किया गया, जिसमें बीमा प्रीमियम की राशि तो कम दी गयी, लेकिन भुगतान पूरा ले लिया गया. इस मद में ₹ 2,61,392/- (दो लाख इकसठ हजार तीन सौ निन्यानवे रूपये) की अधिक राशि ली गयी।
उपकरण (बाल्टी-रस्सी) मद में गबन: श्री यादव को बाल्टी एवं रस्सी (उपकरण) पर दिये गये अनुदान की पूरी राशि भी प्राप्त हुई, जबकि भुगतान कम किया गया. इस मद में ₹ 1,00,626/- (एक लाख छह सौ छब्बीस रूपये) की अधिक राशि प्राप्त हुई।
इन सभी चीजों को मिलाकर कुल ₹29,07,625/- का अधिक भुगतान आपूर्तिकर्ता उपेन्द्र यादव को प्राप्त हुआ है, जो अभी भी उनके पास है।
तत्कालीन अधिकारी की संलिप्तता का संदेह : क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन, पलामू प्रमंडल, मेदिनीनगर द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन (पत्रांक 184, दिनांक 23.07.2025) में बीमा मामले में तत्कालीन जिला गव्य विकास पदाधिकारी के साथ उपेन्द्र यादव की संलिप्तता स्पष्ट की गयी है, जिससे इस व्यापक घोटाले में विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गये हैं.
प्राथमिकता दर्ज, आगे की कार्रवाई शुरू: जिला ग्रामीण विकास पदाधिकारी, गढ़वा ने उपेन्द्र यादव, पिता स्वर्गीय शोभी यादव, ग्राम पोस्ट-मदवनिया, थाना-रमना, जिला गढ़वा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की सुसंगत धाराओं (धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और गबन से संबंधित धाराएं – जैसे बीएनएस की धारा 316(5), 318(5) के तहत) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब यह बड़ा मामला सामने आया है. घोटालों पर आगे की कानूनी कार्रवाई और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।