मध्य प्रदेश की कृषि व्यवस्था में सोयाबीन किसानों की आय का मुख्य स्रोत है। सरकार ने सोयाबीन की बिक्री को 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक भावांतर योजना के दायरे में रखा है। किसानों की फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करने और मंडियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीसीटीवी निगरानी और हेल्प डेस्क की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इससे किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी और समय पर भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में हो जायेगा.
9.36 लाख किसानों का पंजीकरण एवं मंडियों की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावान्तर योजना में 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर जिलों में हर जिले से 50 हजार से ज्यादा किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इसके अलावा 21 जिलों में 10 हजार से ज्यादा किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया. मंडियों में तैयारियां जैसे मंडियों और उपमंडियों में सीसीटीवी कैमरे लगाना, मंडियों के प्रवेश द्वारों और प्रांगणों की निगरानी, हेल्प डेस्क की सुविधा, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इस प्रणाली से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि किसानों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल और डीबीटी भुगतान
सरकार ने सभी मंडियों में ई-खरीद पोर्टल का उपयोग सुनिश्चित किया है। इसके माध्यम से भावांतर राशि का भुगतान किसानों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किया जाएगा। किसानों के लिए लाभ इस प्रकार हैं। सुरक्षित और त्वरित भुगतान, एसएमएस अधिसूचना प्रणाली के माध्यम से किसानों को समय पर जानकारी, लेनदेन में पारदर्शिता। यह तकनीकी पहल यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य और समय पर सरकारी सहायता मिले।
मंडियों में सीसीटीवी निगरानी का महत्व (सीसीटीवी मंडी निगरानी)
1. पारदर्शिता और सुरक्षा
मंडियों में होने वाले सभी लेनदेन पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी। इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसी भी गड़बड़ी या गड़बड़ी का तुरंत पता लगाया जा सकेगा। इससे किसानों का विश्वास बढ़ेगा, लेन-देन सुरक्षित और सही होगा तथा मंडियों में अनुशासन बना रहेगा।
2. किसानों के लिए राहत एवं सुविधाएँ
सीसीटीवी निगरानी से किसानों को भरोसा मिलेगा कि उन्हें उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा। अब कोई भी व्यापारी या बिचौलिया फसल की कीमतों में गलत तरीके से हेरफेर नहीं कर सकेगा। इससे सही कीमत मिलेगी, बाज़ारों में विवाद कम होंगे और किसान मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे।
हेल्प डेस्क सुविधा
1. सूचना एवं मार्गदर्शन
मंडी में हेल्प डेस्क शुरू होने से किसानों को उनकी फसल की कीमत, लेनदेन प्रक्रिया और अन्य नियमों की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। आपको फसल की कीमतें, मूल्य विवरण और बाजार रिपोर्ट, सरकारी योजनाओं और भुवंतर योजना, फसल बेचने में सहायता और मार्गदर्शन से संबंधित सवालों के जवाब मिलेंगे।
2. शिकायत निवारण एवं समाधान
यदि किसानों को बाजार में कोई अनियमितता नजर आती है, तो हेल्प डेस्क तुरंत उनकी शिकायत दर्ज करेगी और समाधान के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। किसान न्यायालय जैसी सुविधा से बाजार की शिकायतों का तत्काल समाधान होगा और किसानों को विश्वास और संतुष्टि मिलेगी।