बिहार चुनाव 2025: बिहार चुनाव से खुद को दूर करने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने बयान दिया है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है और हमें गठबंधन के लायक नहीं समझा गया. इससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब हम बिहार में गठबंधन में भी नहीं हैं. हमें गठबंधन के लायक नहीं समझा गया, जबकि सच्चाई यह है कि अगर हम गठबंधन में चुनाव लड़ते तो चुनावी माहौल कुछ और होता.
क्या विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक में दरार के संकेत दिखने लगे हैं?
मनोज पांडे के इस बयान के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक में दरार के संकेत दिखने लगे हैं. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह की मानसिकता राजद और गठबंधन के अन्य नेताओं ने दिखाई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर किसी को लगता है कि वह अकेला ही काफी है तो फिर गठबंधन का मतलब ही क्या है? जेएमएम नेता मनोज पांडे के इस बयान से साफ है कि पार्टी राजद और कांग्रेस के रवैये से नाराज है. मनोज पांडे ने कहा कि झारखंड में हमने गठबंधन में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. हमारे नेता हेमंत सोरेन ने बड़ा दिल दिखाया और सबको साथ लेकर चले, लेकिन बिहार चुनाव में ऐसा नहीं हुआ.
जेएमएम ने पहले 6 सीटों पर बिहार चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में जेएमएम ने नामांकन दाखिल नहीं किया और बिहार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. जेएमएम ने बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है, लेकिन उसके फैसले का असर झारखंड में भी दिखेगा, ऐसा राजनीतिक जानकारों का मानना है. गौरतलब है कि झारखंड में गठबंधन ने चुनाव लड़ा था और इसमें झामुमो के साथ कांग्रेस, राजद और वाम दल भी थे. झारखंड में जेएमएम के 34, राजद के 4, कांग्रेस के 16 और वाम दलों के 2 विधायक हैं.
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झारखंड में भारत गठबंधन पर संकट, जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा कि बिहार में पार्टी के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, उससे पार्टी आहत है।