गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रातःकाल का मुहूर्त: प्रातः 6:26 बजे से रात्रि 8:42 बजे तक
शाम का समय: दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक
गोवर्धन पूजा के लिए पूजन सामग्री
गाय का गोबर (गिरिराज महाराज की मूर्ति बनाने के लिए)
कलश, रोली, घी
फूल, माला, नारियल
चावल, दीपक, गंगाजल
प्रसाद के लिए मिठाई, फल, खीर
दूध, दही, शहद, बताशा, गंगाजल
पूजा विधि
1. पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और गंगा जल छिड़कें।
2. वहां साफ कपड़ा बिछाकर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
3. शुभ मुहूर्त में दीपक जलाएं और भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन महाराज का ध्यान करें।
4. पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, फूल आदि चढ़ाएं।
5. गोवर्धन जी की नाभि पर मिट्टी का दीपक या पात्र रखें और उसमें दूध, दही, शहद, बताशा और गंगा जल डालें।
6. पूजा के बाद इस मिश्रण को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और भक्तों में बांट दें।
7. अंत में गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा करके आरती करें।
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इस दिन विशेष कार्य किये जाते हैं
गोवर्धन पूजा के दिन कृषि में सहायक पशुओं जैसे गाय, बैल आदि की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही इस अवसर पर अन्नकूट का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें भोग के रूप में कढ़ी-चावल, पंचामृत, माखन-मिश्री जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं। यह त्यौहार न केवल कृषि, प्रकृति और पशुओं के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, बल्कि यह हमें सादगी और भक्ति के साथ जीवन जीने की प्रेरणा भी देता है।