पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आखिरकार अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी 143 सीटें लेकिन अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. हालांकि, इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि इन सीटों में कई ऐसी सीटें हैं जहां राजद का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार यह अब से होने जा रहा है. इससे यह सवाल उठता है कि क्या महागंठबंधन अब टूटने की कगार पर?
जेडीयू का महागठबंधन पर हमला
राजद की सूची जारी होने के बाद जदयू महागठबंधन पर तीखा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद कहा,
“महागठबंधन अब नहीं रहा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लंबी बात कर रहे थे, लेकिन यह एकतरफा घोषणा है। यह तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव शुरू होने से पहले ही हार स्वीकार करने की स्वीकारोक्ति है।”
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास मॉडल इतना मजबूत है कि महागठबंधन जैसी बिखरी हुई ताकतों के सामने कोई मुकाबला नहीं है.
“अब उनके पास सिर्फ बयानबाजी ही बची है। बिहार की जनता जानती है कि नीतीश कुमार ने राज्य का कायाकल्प कर दिया है। इस खंडित गठबंधन के सामने एनडीए की बड़ी जीत तय है।”
— राजीव रंजन प्रसाद, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जनता दल (यूनाइटेड)
बीजेपी ने भी साधा निशाना
भाजपा नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय कहा कि महागठबंधन आंतरिक कलह से जूझ रहा है और यह सिर्फ स्वार्थ का गठबंधन है.
“राजद और कांग्रेस दोनों वंशवादी पार्टियां हैं। उन्हें न तो बिहार के विकास की परवाह है और न ही जनता की। ऐसे गठबंधन का परिणाम हमेशा विफलता में होता है।”
— नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति से ऊपर उठ चुकी है और एनडीए विकास के एजेंडे पर चुनाव जीतने जा रही है.
चिराग पासवान का तंज
एलजेपी (रामविलास) मुखिया और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान साथ ही उन्होंने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन अब टूट की स्थिति में पहुंच गया है.
“मैंने अपने जीवनकाल में ऐसा चुनाव नहीं देखा, जहां इतना बड़ा गठबंधन सीट बंटवारे पर भी सहमत नहीं हो सका। राजनीति में दोस्ताना संघर्ष जैसी कोई चीज नहीं होती है।”
— -चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन के नेता अपने ही सहयोगियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं तो कार्यकर्ताओं का एक साथ आना असंभव है.
राजद की लिस्ट ने बढ़ाई टेंशन!
राजद की 143 उम्मीदवारों की सूची में कई सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इस से “दोस्ताना लड़ाई” एक स्थिति पैदा हो गई है. वहीं, अब तक कांग्रेस 60 सीटें लेकिन अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. सीपीआई-सीपीएम से भी कुछ सीटों पर तालमेल नहीं बन पाया वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी वे नाराज भी बताए जा रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, महागठबंधन के भीतर यह असंतोष चुनावी नुकसान का कारण बन सकता है, जबकि एनडीए इस स्थिति का पूरा फायदा उठाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
राजनीतिक माहौल गरमा गया
राजद की सूची जारी होते ही पूरे बिहार का सियासी माहौल गरमा गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल क्या रुख अपनाते हैं-
क्या महागठबंधन एकजुट रह पायेगावरना सीटों के लिए लड़ो क्या तुम इसे बिखेरोगे?
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