बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान की तारीख तय होने के बाद अब नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस दौरान बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखा गया है। प्रथम चरण के अंतर्गत कुल 61 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है.जिसमें बीजेपी के बागी, निर्दलीय और प्रशांत किशोर (पीके) के कुछ उम्मीदवार भी शामिल हैं.
अमित शाह की सक्रिय भूमिका से बदले समीकरण
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिनों तक बिहार में रहकर राजनीतिक स्थिति का गहन विश्लेषण किया. इस दौरान उन्होंने उन सभी नेताओं से मुलाकात की, जिन्होंने बीजेपी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय या दूसरे दलों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह की सलाह और संवाद इसके बाद कई नेताओं ने पार्टी लाइन पर लौटते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया.
पटना साहिब: मेयर के बेटे ने छोड़ा चुनाव मैदान
इस बार चर्चा में रही पटना साहिब सीट. यहाँ बीजेपी के बागी उम्मीदवार शिशिर कुमारजो कि पटना की मेयर सीता साहू के बेटे हैं. स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन कियालेकिन पार्टी नेतृत्व की सलाह पर अपना नामांकन वापस ले लिया।।
अब इस सीट से रत्नेश कुशवाह बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं.
गोपालगंज: कुसुम देवी के बेटे ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया.
गोपालगंज सीट पर टिकट कटने से नाराज अनिकेत कुमार सिंह, बीजेपी विधायक कुसुम देवी के बेटे निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया था ऐलान. अमित शाह से बात करने के बाद उन्होंने पार्टी प्रत्याशी सुभाष सिंह ने नामांकन वापस ले लिया का समर्थन किया।
वीआईपी प्रत्याशी सकलदेव बिंद ने सम्राट चौधरी को समर्थन दिया
तारापुर विधानसभा सीट से वीआईपी उम्मीदवार सकलदेव बिंद ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया. वे राजद द्वारा अरुण कुमार यादव को उम्मीदवार बनाये जाने से नाराज थे, लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल होकर सम्राट चौधरी का समर्थन किया।
जन सुराज और पीके प्रत्याशी भी मैदान से हट गये.
ब्रह्मपुर सीट से जन सुराज प्रत्याशी डॉ सत्य प्रकाश तिवारी और गोपालगंज से शशि शेखर सिन्हा ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके अलावा, बक्सर सीट से बीजेपी के बागी अमरेंद्र पांडे अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान की बातचीत के बाद उन्होंने भी मैदान छोड़ दिया. इसी तरह पीके के तीन प्रमुख उम्मीदवार अब तक चुनाव से हट चुके हैं. दानापुर सीट पर पीके उम्मीदवार सिंबल मिलने के बाद नामांकन दाखिल नहीं किया।।
पहले चरण की तस्वीर साफ हो गई
कुल 61 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लिया इसके बाद पहले चरण के चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है. बीजेपी ने अपने बागियों को मना लिया संगठन को मजबूत किया हैजबकि जन सूरज और प्रशांत किशोर ग्रुप झटका लगा है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अमित शाह की रणनीति ने पहले चरण में बीजेपी को बढ़त दिलाने का माहौल बना दिया है.
संक्षेप मेंपहले चरण के नामांकन वापसी के बाद यह साफ हो गया है बीजेपी एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतर चुकी है.।।
बागियों की वापसी से पार्टी का संगठन मजबूत हुआ है और विपक्ष को भी इसका संकेत मिल गया है अनुशासन और रणनीति दोनों में बीजेपी आगे है।।
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