नई दिल्ली/पर्थ: लंबे समय के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विराट कोहली और रोहित शर्मा की वापसी कुल 22 गेंदों तक ही टिक पाई और उनके लचर प्रदर्शन का असर मैच के नतीजे में भी दिखा, जहां ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को बारिश से प्रभावित मैच में 29 गेंद शेष रहते हुए भारत पर सात विकेट से आसान जीत दर्ज की। भारतीय पारी के दौरान लगातार बारिश के कारण मैच 26-26 ओवर का कर दिया गया.
भारत ने संघर्ष करते हुए नौ विकेट पर 136 रन बनाये लेकिन ऑस्ट्रेलिया को डकवर्थ-लुईस पद्धति से जीत के लिए 131 रन का लक्ष्य मिला. टीम ने 21.1 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए ट्रैविस हेड (आठ) शुरुआत में ही अर्शदीप सिंह की गेंद पर डीप थर्ड मैन पर हर्षित राणा को कैच दे बैठे. इसके बाद क्रीज पर आये मैथ्यू शॉर्ट (आठ) भी कोई खास योगदान दिये बिना पवेलियन लौट गये. कप्तान और स्थानीय गेंदबाज मिशेल मार्श (नाबाद 46 रन, 52 गेंद) ने जोश फिलिप (37 रन, 29 गेंद) के साथ तीसरे विकेट के लिए 55 रन की आक्रामक और महत्वपूर्ण साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया का दबदबा कायम रखा.
भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप, मोहम्मद सिराज और हर्षित राणा की तिकड़ी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों जैसा नियंत्रण नहीं दिखा सकी. इन गेंदबाजों ने मेजबान टीम को रन बनाने के आसान मौके दिए. उनकी खराब लाइन-लेंथ का फायदा उठाते हुए मार्श ने तीनों गेंदों पर एक-एक छक्का लगाया। इस दौरान सिराज द्वारा कवर एरिया के ऊपर से लगाया गया छक्का मुख्य आकर्षण रहा। फिलिप ने भी आक्रामक पारी खेलकर अपने कप्तान का शानदार साथ दिया. उनके आउट होने के बाद डेब्यूटेंट मैट रेनशॉ ने नाबाद 21 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 1-0 की बढ़त दिला दी।
भारतीय टीम अपनी पारी की शुरुआत से ही किसी भी तरह की लय हासिल करने में नाकाम रही. बारिश के कारण कई बार खेल रोके जाने से स्थिति और भी कठिन हो गई. लोकेश राहुल (30 गेंद में 38 रन) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज सहज नहीं दिखा. तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल ऑप्टस स्टेडियम में बादलों के प्रभाव में ऑस्ट्रेलिया ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ. नए कप्तान शुबमन गिल के साथ जब रोहित शर्मा (आठ रन) क्रीज पर आए तो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने जोरदार स्वागत किया, लेकिन उनकी पारी सिर्फ 14 गेंद तक चली. रोहित ने मिचेल स्टार्क के खिलाफ शानदार स्ट्रेट ड्राइव खेलकर अपने सुनहरे दिनों की झलक दिखाई लेकिन यह उनकी पारी का एकमात्र आत्मविश्वास भरा शॉट साबित हुआ। वह जोश हेजलवुड की अतिरिक्त उछाल से तालमेल बिठाने में नाकाम रहे और गेंद उनके बल्ले को छूकर दूसरी स्लिप में खड़े रेनशॉ के हाथों में चली गयी.
स्टेडियम में कोहली का स्वागत और भी जोरदार तालियों से किया गया, लेकिन वनडे क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक माना जाने वाला यह बल्लेबाज अपनी महानता के साथ न्याय करने में विफल रहा। वह एक बार फिर अपनी पुरानी कमजोरी का शिकार हो गये. स्टार्क की उभरती हुई गेंद को ड्राइव करने के प्रयास में गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर बैकवर्ड प्वाइंट की ओर गई और कूपर कोनोली ने शानदार कैच लपककर उनकी आठ गेंद की पारी का अंत किया. कोहली ऑस्ट्रेलिया में पहली बार बिना खाता खोले पवेलियन लौटे. सीनियर खिलाड़ियों को अब एडिलेड और सिडनी में होने वाले अगले वनडे मैचों में दमदार प्रदर्शन करके यह साबित करना होगा कि उनमें बहुत आगे तक जाने की क्षमता है. अपने अनुभवी साथियों के विपरीत, शुबमन गिल आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे, लेकिन नाथन एलिस की लेग साइड पर गेंद को फ्लिक करने के एक लापरवाह प्रयास में, वह विकेटकीपर जोश फिलिप द्वारा कैच कर लिए गए।