नई दिल्ली, अमृत विचार: केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चार राज्यों को अधिक नोटरी अधिकारी नियुक्त करने की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव किया है। गुजरात के पास अब 6,000 तक ऐसे अधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार है। कानून के अनुसार, नोटरी वह व्यक्ति होता है जो किसी भी संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होते देखने और उन्हें सत्यापित करने के लिए अधिकृत होता है।
कानून मंत्रालय ने 17 अक्टूबर को नोटरी नियम, 1956 में संशोधन किया। इस संशोधन से गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान और नागालैंड की सरकारों द्वारा नियुक्त किए जा सकने वाले नोटरी अधिकारियों की अधिकतम संख्या बढ़ जाती है।
मंत्रालय ने रविवार को कहा कि गुजरात सरकार अब 6,000, तमिलनाडु सरकार 3,500, राजस्थान सरकार 3,000 जबकि नागालैंड सरकार 400 नोटरी अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है। इससे पहले, गुजरात सरकार 2,900, तमिलनाडु सरकार 2,500, राजस्थान सरकार 2,000 और नागालैंड सरकार 200 नोटरी अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती थी। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम जनसंख्या में वृद्धि, जिलों, तहसीलों, तालुकाओं की संख्या और नोटरी सेवाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए संबंधित राज्य सरकारों से प्राप्त अनुरोधों के जवाब में उठाया गया है।
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