किलाउआ ज्वालामुखी विस्फोट: हवाई के किलाउआ ज्वालामुखी के शिखर से एक बार फिर लावा के फव्वारे निकलने शुरू हो गए हैं. ज्वालामुखी पिछले साल के अंत से अर्ध-नियमित अंतराल पर फट रहा है और यह अब तक इसकी 35वीं घटना है। स्थानीय लोग, आगंतुक और ऑनलाइन दर्शक इसे देखकर आश्चर्यचकित और रोमांचित हैं।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सभी फव्वारे एक ही विस्फोट का हिस्सा हैं, क्योंकि पिघला हुआ मैग्मा एक ही रास्ते से सतह पर आ रहा है। यूरोन्यूज़ के अनुसार, किलाउआ के शिखर क्रेटर के दक्षिणी वेंट से निकलने वाले फव्वारे लगभग 500 मीटर ऊंचे हैं, जो न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से भी ऊंचे हैं। इसके ऊपर गैस का बादल 5,000 मीटर तक फैला हुआ था.
विस्फोट कितनी देर तक चला?
दिसंबर 2024 के बाद से, ज्वालामुखी विस्फोट आम तौर पर एक दिन या उससे कम समय तक चला है। बीच में कई दिनों तक गतिविधियों में रुकावट भी आई है. हाल ही में हुए हलेमौमऊ विस्फोट का 35वां चरण 18 अक्टूबर को सुबह 3:32 बजे शुरू हुआ और 7.5 घंटे की लगातार बारिश के बाद अचानक समाप्त हो गया।
कथित तौर पर लावा फव्वारे 1,400 फीट (450 मीटर) तक ऊंचे हैं।
हवाई में किलाउआ ज्वालामुखी, जो दुनिया में सबसे सक्रिय में से एक है, फट गया है। pic.twitter.com/UkUMqlcFKi– स्लावा 🇺🇦 (@हेरोइअम_स्लावा) 18 अक्टूबर 2025
किलाउआ ज्वालामुखी विस्फोट: आगे की संभावनाएँ
यूएसजीएस ने कहा कि आने वाले दिनों में वेंट क्षेत्र और लावा का प्रवाह धीमा या ठंडा और जमना जारी रह सकता है। लेकिन 35वें चरण की समाप्ति के बाद किलाउआ शिखर की सूजन फिर से शुरू हो गई है। इसका मतलब है कि एक और फव्वारा घटना संभव है, हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह कम से कम दो सप्ताह बाद हो सकता है।
यूएसजीएस ने यह भी बताया कि भूकंपीय झटकों में अचानक वृद्धि हुई और कल रात सूजन शुरू होने के कारण शिखर की ढलान सिकुड़ गई। विशेषज्ञों के मुताबिक इस विस्फोट की खासियत एपिसोडिक लावा फव्वारे हैं। 1983-86 में पुउउउ विस्फोट के शुरुआती फव्वारों के बाद यह पहली बार किसी विस्फोट में देखा गया है।
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