लखनऊ, लोकजनता: स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं में जागरूकता की कमी है। लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। नियमित जांच से स्तन कैंसर को रोका जा सकता है। महिलाएं स्वयं भी स्तन गांठ का पता लगा सकती हैं। डॉक्टर की सलाह पर जांच और इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यह जानकारी लोहिया संस्थान के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. एसके मिश्रा ने दी। इसमें डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ स्तन कैंसर विजेताओं ने भाग लिया।
डॉ. मिश्र शनिवार को लोहिया संस्थान के कॉन्फ्रेंस हॉल में स्तन कैंसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज नहीं बल्कि जागरूकता के माध्यम से स्तन कैंसर की रोकथाम करना है. समय पर जांच और आत्मनिरीक्षण कई जिंदगियां बचा सकता है। निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम न केवल चिकित्सा संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसशक्तीकरण का भी प्रतीक है।
डॉ. सारा इदरीस ने कहा कि कैंसर से डरें नहीं। इलाज कराएं. नई दवाओं से इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया जा रहा है। डीन डॉ. प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि जागरूकता ही सबसे कारगर औषधि है। ऐसे अभियानों का उद्देश्य युवा पीढ़ी को स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार बनाना होना चाहिए। सीएमएस डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि बीमारी से लड़ना डर दूर करने से शुरू होता है। हमें समाज को यह संदेश देना है कि स्तन कैंसर का इलाज संभव है। शीघ्र पता लगने से जान बचाई जा सकती है।