नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शनिवार को धन त्रयोदशी-प्रदोष पर्व के साथ दीपोत्सव की शुरुआत होगी। महालक्ष्मी मंदिर में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. दिवाली के दौरान मां लक्ष्मी अलग-अलग रूपों में नजर आएंगी. माता लक्ष्मी के मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। राजवाड़ा स्थित प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में एकादशी और धनतेरस पर चार-चार बार और दिवाली पर दो बार अलग-अलग शृंगार किया जाएगा।
एकादशी और धनतेरस पर फूल बंगला सजाया जाएगा। राजवाड़ा स्थित प्राचीन श्री महालक्ष्मी मंदिर में 17 से 20 अक्टूबर तक प्रतिदिन फूल बंगला सजाया जाएगा। मुख्य पुजारी पं. भानु प्रसाद दुबे ने बताया कि इस बार विशेष दिनों में चार बार और दिवाली के दिन दो बार महालक्ष्मी का शृंगार किया जाएगा। शुक्रवार को एकादशी व द्वादशी, शनिवार को धनतेरस व रविवार को रूप चौदस पर चार बार वस्त्र व श्रृंगार किया जाएगा।
धनतेरस पर विशेष फूलों से बंगला सजाया जाएगा
इन खास दिनों में सुबह 7 से 11, 11 से 3, शाम 3 से 7 और शाम 7 से 12 बजे तक देवी लक्ष्मी माता के अलग-अलग रूपों में दर्शन होंगे। एकादशी और धनतेरस पर विशेष फूलों से बंगला सजाया जाएगा। दिवाली के दिन भक्तों की संख्या सबसे ज्यादा होने के कारण सिर्फ दो बार ही शृंगार किया जाएगा. शाम को 56 भोग लगाया जाएगा। श्री श्री विद्या धाम मंदिर में शनिवार को भगवान धन्वंतरि जयंती, प्रदोष धन त्रयोदशी, प्रदोष पर्व, भगवान धन्वंतरि जयंती, यम दीपदान उत्सव मनाया जाएगा।
सोमवार को दिवाली का त्योहार है
रविवार को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। सोमवार को दीपावली पर्व एवं महालक्ष्मी पूजन होगा। श्री श्री विद्या धाम मंदिर ट्रस्टी पं. दिनेश शर्मा ने बताया कि मंगलवार को स्नान, दान, पितरों का पूजन, अमावस्या, बुधवार को गौ-गोवर्धन पूजा, गुरुवार को भाई दूज पर्व, 29 अक्टूबर को गोपाष्टमी, शाम को गौ पूजन, गौ माता को 56 भोग, महाआरती और 30 अक्टूबर को अक्षय (आंवला) नवमी, सुबह भगवान विष्णु की पूजा, 56 भोग होंगे। शाम, 1 नवंबर को अन्नकूट महोत्सव। प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह और छोटी दिवाली और 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाएगा।
श्री महालक्ष्मी मंदिर में कब क्या होगा?
उषा नगर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर में दीपोत्सव का आयोजन किया गया। उषा नगर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस पर सुबह 9 बजे गणेश पूजा, कुबेर पूजा व अर्चना, शाम 6.30 बजे दीपोत्सव व शृंगार दर्शन, सुबह 8.30 बजे रूप चौदस पर श्री लक्ष्मीजी का महाभिषेक व 9 बजे महालक्ष्मी यज्ञ, शाम 6.30 बजे माताजी श्रृंगार दर्शन व प्रसाद वितरण, श्री सोमवार को दिवाली पर शाम 6.30 बजे लक्ष्मीजी श्रृंगार दर्शन। बुधवार को सुबह 9.30 बजे से महालक्ष्मीजी का पूजन एवं महाआरती, बुधवार को सुबह 10 बजे गोवर्धन पूजा एवं शाम 6.30 बजे से अन्नकूट 56 भोग दर्शन, भाई दूज पर गुरुवार को शाम 5 बजे से श्रीयंत्र एवं साड़ी वितरण एवं श्रृंगार दर्शन होंगे।