धर्म डेस्क. दिवाली 2025 पूजा विशेष मंत्र: हिंदू धर्म में दिवाली रोशनी और खुशी का प्रतीक है। इसे धन, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य का महान त्योहार भी माना जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्योहार श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का संगम है।
इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं, ताकि घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। दीपों की रोशनी, भक्तिभाव और मंत्रोच्चार से वातावरण पूरी तरह पवित्र हो जाता है। भारत के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय भी इस त्योहार को बड़े उत्साह से मनाते हैं।
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की शाम प्रदोष काल में लक्ष्मी और गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रद्धापूर्वक की गई पूजा और मंत्र जाप से धन, समृद्धि, बुद्धि और सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इस दिन सच्चे मन से लक्ष्मी-गणेश के मंत्रों का जाप करने से जीवन में स्थायी समृद्धि आती है। यह दिन भौतिक सुख के साथ-साथ आध्यात्मिक प्रगति का भी प्रतीक है।
भगवान गणेश के शक्तिशाली मंत्र
दिवाली पूजा की शुरुआत विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा से होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। शुभ फल प्राप्त होते हैं.
प्रमुख गणेश मंत्र:
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
यह मंत्र हर कार्य को सफल बनाने वाला और जीवन से बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है।
देवी लक्ष्मी के शुभ मंत्र
मां लक्ष्मी की पूजा के बिना दिवाली अधूरी मानी जाती है. लक्ष्मी पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि आती है।
शुभ मंत्र:
“ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।”
“या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”